बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है, कि हम इस बार का भी सेमीफाइनल हार चुके हैं। यह कहना कि इस बार का वर्ल्ड कप भी हम नहीं जीत पाए। विश्वास करना आसान तो नहीं है पर यह सच है। कहां कमी रह गई की पिछले दो वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में हम एकतरफा हारे हैं । तो आइए जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण बातें और जानकारियां जिससे शायद हम फाइनल में नहीं पहुंच पा रहे हैं और हम को हार का सामना करना पड़ रहा है।
1. पहला बड़ा कारण जिसमें छिपी है महत्वपूर्ण बात।
पिछले दो बड़े वर्ल्ड कप हम एक तरफा हारे हैं। सबसे पहले यह सोचने की बात है लीग मैचेज में अच्छा परफॉर्मेंस करने के बावजूद हम सेमीफाइनल में हार जाते हैं। क्या यह इतना बड़ा Pressure है जिसे भारतीय टीम नहीं झेल पा रही है। पहला कारण तो यह है कि हम टॉस हारते ही बैकफुट पर आ गए थे। जोकि केएल राहुल और रोहित शर्मा की बल्लेबाजी में नजर आ रहा था। पहले 6 ओवर में इंडिया के सिर्फ 38 रन थे। महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें वह Start मिला ही नहीं जिससे हम एक बड़ा स्कोर खड़ा कर सकें।
2. क्यों नहीं दिखा भारत की बल्लेबाजी में Intent.
भारत की बल्लेबाजी में एक पॉजिटिव इंटेंट दिखाई नहीं पड़ा, ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम 150 का टोटल अपने मन में लेकर चल रहा था। वह तो हार्दिक पांड्या की अच्छे बल्लेबाजी के कारण भारतीय टीम का स्कोर 169 तक पहुंचा जिसके कारण लास्ट के कुछ ओवरों में ऐसा लगा कि अब भारतीय टीम ने खेलना शुरू किया। सब कुछ होने के बावजूद भी भारतीय टीम नहीं जीत पाई। किसी एक खिलाड़ी पर उंगली उठाना तो गलत है मगर उस दिन किसी ने भी आगे आकर जिम्मेदारी को नहीं लिया। क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में इंटेंट होना महत्वपूर्ण है।
3. विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव के अलावा सभी Flop.
क्यों सिर्फ विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव के ऊपर थी वर्ल्डकप जीतने की जिम्मेदारी। क्योंकि चाहे वह पाकिस्तान का मैच ले ले या फिर साउथ अफ्रीका का इन दोनों बल्लेबाजों के अलावा किसी ने भी अच्छी बैटिंग नहीं की। क्यों ऐसा होता है की सभी जल्दी-जल्दी रन बनाने की बात करते हैं पर उसमें फेल हो जाते हैं। पर सेमीफाइनल में ऐसा बिल्कुल भी नजर नहीं आता है बल्कि पूरे ही विश्वकप में यह नजर नहीं आता है कि भारतीय टीम किसी भी मैच में 200 रनों की तरफ अग्रसर है। बड़े मैच तो बहुत Closely जीते । नंबर वन T20 टीम होने के बावजूद भी ऐसी हार होना जो बताता है कि हमें काफी कुछ सीखने की जरूरत है यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है।
4. यूज़वेंद्र चहल जैसे विकेट टेकर बॉलर को नहीं मिला मौका।
जैसे कि पिछले कुछ सालों से इंडिया की गेंदबाजी पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस सेमीफाइनल से यह है कि हमारी गेंदबाजी में कहीं ना कहीं कमी है हम सिर्फ बल्लेबाजी के दम पर वर्ल्ड कप नहीं जीत सकते हैं। हालांकि अर्शदीप सिंह और भुवनेश्वर कुमार ने इस टूर्नामेंट में अच्छी गेंदबाजी की है लेकिन वह भी सेमीफाइनल में कुछ खास नहीं कर पाए। बीच के ओवरों में विकेट टेकर गेंदबाज ना होने के कारण हम शायद नहीं जीत पाए। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि बीच के ओवरों में विकेट लेकर ही T20 मैच जीता जा सकता है। यूज़वेंद्र चहल को ना खिलाना किसी के समझ में नहीं आया। क्योंकि वह भारत के लिए महत्वपूर्ण गेंदबाज हैं।
5.Team Combination मे रह गई कमी।
सबसे पहले यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि T20 वर्ल्ड कप जीतने के लिए केवल गेंदबाजी या केवल बल्लेबाजी का होना काफी नहीं है। टीम को हर डिपार्टमेंट में परिपूर्ण होना जरूरी है। दिनेश कार्तिक को क्यों रखा इतने बड़े मैच से बाहर अगर ऋषभ पंत को ही मौका देना था तो उन्हें शुरू के मैचेज से खिलाते। और यूज़वेंद्र चहल जोकि विकेट टेकर बॉलर हैं उन्हें इस वर्ल्ड कप में ना खिलाना इसके पीछे क्या सोच हो सकती है। खैर अब तो वैसे भी सभी बातें कोई मायने नहीं रखती। हमारी भारतीय टीम एक अच्छा कम बैक करेगी और भविष्य में अच्छा खेल दिखाएगी यह हम उम्मीद करते हैं।
6. क्यों नहीं मिला भारत को एक भी विकेट।
पूरे टूर्नामेंट में अच्छी गेंदबाजी करने वाले भुवनेश्वर कुमार भी इस मैच में बेरंग नजर आए। क्योंकि वह भी मानो विकेट लेने नहीं बल्कि बल्लेबाजों से बचने जा रहे थे। महत्वपूर्ण बात यह कि अर्शदीप सिंह अच्छी गेंदबाजी करने के बावजूद पावर प्ले में सिर्फ 1 ओवर डालते हैं। यह दर्शाता है कि कप्तान रोहित शर्मा पर भी काफी दबाव था। पर एक मैच से हमें किसी भी खिलाड़ी को या किसी भी टीम को कम नहीं समझना चाहिए। यहीं से अगर यह सारे अच्छा प्रदर्शन करते तो उनकी आलोचना नहीं होती।
जैसे हर भारतीय अपनी भारतीय टीम के जीत में उसके साथ होता है वैसे ही हर भारतीय नागरिक को भारतीय टीम की हार पर भी उसके साथ होना चाहिए। जब कोई हारता है तो वह खुद भी यह नहीं चाहता कि वह हारे तो ज्यादा आलोचना करना भी किसी के हाथ में नहीं होना चाहिए। इस वर्ल्ड कप से जो महत्वपूर्ण सीख मिली है वही आगे जाकर हमें अच्छा टूर्नामेंट और वर्ल्ड कप की जीताऐगी।।
FAQ QUESTIONS…
1.What is the old name of cricket?
Ans.In the earliest definite reference, it was spelled creckett. The name may have been derived from the Middle Dutch krick(-e), meaning a stick; or the Old English cricc or cryce meaning a crutch or staff, or the French word criquet meaning a wooden post.